पुरानी बनाम नई प्रावधानें (CrPC बनाम BNSS, 2023) एवं उनकी प्रयोज्यता
📌 सामान्य जमानत (Regular Bail)
▪️ कब लागू होती है: गिरफ्तारी के बाद, जब अभियुक्त हिरासत में होता है।
▪️ पुराना कानून: सीआरपीसी की धारा 437–439।
▪️ नया कानून: बीएनएसएस की धारा 480–482।
▪️ विशेष: मूल सिद्धांत यथावत हैं, केवल प्रक्रियात्मक ढांचा पुनर्गठित किया गया है।
📌 पूर्व-जमानत (Anticipatory Bail)
▪️ कब लागू होती है: गिरफ्तारी से पहले, जब अभियुक्त को गिरफ्तारी का भय होता है।
▪️ पुराना कानून: सीआरपीसी की धारा 438।
▪️ नया कानून: बीएनएसएस की धारा 482(2)।
▪️ विशेष: यह उपाय पूर्ण रूप से बरकरार है; न्यायिक स्थिरता भी बनी रहती है।
📌 अंतरिम जमानत (Interim Bail)
▪️ कब लागू होती है: अंतिम जमानत सुनवाई तक अस्थायी सुरक्षा के लिए।
▪️ पुराना कानून: स्पष्ट रूप से प्रदान नहीं; न्यायिक व्याख्या से विकसित।
▪️ नया कानून: बीएनएसएस की धारा 480/482 के अंतर्गत संयोजित जमानत संरचना द्वारा मान्यता प्राप्त।
▪️ विशेष: बीएनएसएस में प्रक्रियात्मक स्पष्टता बढ़ी है और मनमाने अभ्यासों में कमी आई है।
📌डिफॉल्ट (वैधानिक) जमानत (Default/Statutory Bail)
▪️ कब लागू होती है: जब पुलिस निर्धारित अवधि में आरोपपत्र दाखिल नहीं करती।
▪️ पुराना कानून: सीआरपीसी की धारा 167(2) – 60/90 दिन।
▪️ विशेष: बीएनएसएस की धारा 187(3–7) – समय-सीमा यथावत, कुछ अपराधों में 180 दिनों तक विस्तार संभव।
▪️ मुख्य निष्कर्ष: यह जमानत एक संरक्षित अधिकार बनी रहती है; विस्तारित समयसीमाओं से जांच को बल मिला है।
📌 ट्रांजिट जमानत (Transit Bail)
▪️ कब लागू होती है: जब एफआईआर किसी अन्य राज्य में दर्ज हो और अभियुक्त सक्षम न्यायालय में पहुँचने हेतु सुरक्षा चाहता हो।
▪️ पुराना कानून: परिभाषित नहीं; पूर्णतः न्यायिक व्याख्या पर आधारित।
▪️ नया कानून: अभी भी संहिताबद्ध नहीं; न्यायिक विवेक द्वारा चलन जारी।
▪️ विशेष: ट्रांजिट जमानत का सिद्धांत यथावत और न्यायशास्त्रीय बना हुआ है।
📌औषधीय/स्वास्थ्य-आधारित जमानत (Medical Bail)
▪️ कब लागू होती है: जब हिरासत अभियुक्त के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं रहती।
▪️ पुराना कानून: न्यायिक विवेक और संवैधानिक सुरक्षा के संयोजन से प्रदत्त।
▪️ नया कानून: बीएनएसएस में भी समान रूप से जारी।
▪️ विशेष: कोई वैधानिक परिवर्तन नहीं; न्यायालय चिकित्सा साक्ष्य एवं मानवीय आधार पर निर्णय लेते हैं।
📌 विशेष अधिनियमों के अधीन जमानत (NDPS, UAPA, PMLA, आदि)
▪️ कब लागू होती है: जब अपराध विशेष अधिनियमों के अंतर्गत आते हैं जिनमें कठोर जमानती शर्तें हैं।
▪️ पुराना कानून: संबंधित विशेष अधिनियमों द्वारा नियंत्रित।
▪️ नया कानून: विशेष अधिनियम अब भी बीएनएसएस पर प्रधान रहते हैं।
▪️ विशेष: युगल शर्तें (Twin Conditions) और उच्च जमानती मापदंड यथावत।
📌 जमानत बॉन्ड / ज़मानती व्यक्ति (Bail Bonds/Sureties)
▪️ कब लागू होती है: जब जमानत देने या बॉन्ड निष्पादित करने की आवश्यकता होती है।
▪️ पुराना कानून: सीआरपीसी की धारा 441–450।
▪️ नया कानून: बीएनएसएस की धारा 484–496।
▪️ विशेष: क्रमांक बदलकर प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट और सुव्यवस्थित किया गया है।
📌गिरफ्तारी से संबंधित सुरक्षा उपाय (Safeguards Affecting Bail)
▪️ कब लागू होती है: गिरफ्तारी या पूर्व-गिरफ्तारी चरण में, जब ये जमानत विचारों को प्रभावित करती हैं।
▪️ पुराना कानून: सीआरपीसी की धारा 41A–41D।
▪️ नया कानून: बीएनएसएस की धारा 35–40, 43–44।
▪️ विशेष: बीएनएसएस ने गिरफ्तारी मानकों को सुदृढ़ किया है और अनुचित गिरफ्तारी के मामलों में बचावों को सशक्त किया है।
अन्य सलाह हेतु समय लें: 9630228563,
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