छत्तीसगढ़ में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के लिए सीएसआर फंडिंग का उद्देश्य निम्नलिखित प्रमुख सामाजिक और विकासात्मक लक्ष्यों की पूर्ति करना है:
✅ 1. सामाजिक विकास और कल्याण:
CSR फंडिंग का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर, वंचित और पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण संबंधी पहल की जाती हैं।
✅ 2. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना:
सरकारी व ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, स्मार्ट क्लास, छात्रवृत्ति, पुस्तकें और शिक्षण संसाधनों की व्यवस्था की जाती है।
✅ 3. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार:
CSR फंडिंग से ग्रामीण अस्पतालों का आधुनिकीकरण, मोबाइल हेल्थ क्लिनिक, टीकाकरण अभियान, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सहायता दी जाती है।
✅ 4. आजीविका और कौशल विकास:
ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण (Skill Development), स्वयं सहायता समूह (SHGs) के सशक्तिकरण, और रोजगारपरक कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है।
✅ 5. पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग:
वृक्षारोपण, जल स्रोतों का पुनर्भरण, वर्षा जल संचयन, फ्लाई ऐश प्रबंधन और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना प्रमुख उद्देश्यों में से है।
✅ 6. महिला सशक्तिकरण:
महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG), महिला किसानों, महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय, तकनीकी और विपणन सहयोग प्रदान करना।
✅ 7. ग्रामीण और बुनियादी ढांचे का विकास:
गाँवों में सड़कें, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, स्ट्रीट लाइट्स, सामुदायिक भवनों का निर्माण जैसे आधारभूत ढांचे का विकास।
✅ 8. स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय और भागीदारी:
CSR परियोजनाएँ समुदाय की भागीदारी और ज़मीनी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाती हैं, जिससे उनका प्रभाव अधिक व्यापक और स्थायी हो।
✅ 9. सरकारी योजनाओं का पूरक समर्थन:
CSR पहलें राज्य सरकार की योजनाओं जैसे कि "नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी", "स्वच्छ भारत मिशन", "मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान" आदि के लक्ष्यों को सहयोग करती हैं।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ में CSR फंडिंग का उद्देश्य केवल कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी निभाना नहीं है, बल्कि राज्य के समग्र और समावेशी विकास में भागीदार बनना है। इससे न केवल समाज को लाभ होता है, बल्कि कंपनियों की स्थानीय छवि और सामाजिक स्वीकार्यता भी मजबूत होती है।
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