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Legal (कानून) Advocacy Programme

 यह कानून से संबंधित मुद्दों पर बातचीत का मंच है l

कानूनी व्यवस्था से व्यथित पक्षकार

  1. वादी / पीड़ित पक्ष 
  2. प्रतिवादी /उत्तरवादी  

  प्रशासनिक व्यवस्था से व्यथित पक्षकारों के लिए समाधान स्वरुप हमारी सेवा 

  • सभी शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पद,प्रशासकीय शक्ति, वित्तिय शक्ति एवं कर्तव्य जानने का नागरिक अधिकारl
  • सेवारत अधिकारी व कर्मचारियों के पास उपलब्ध समस्त शासकीय दस्तावेजों की जानकारी लेने हेतु सचिव व निदेशालय स्तर पर प्रक्रिया अपनाई जाने वाली प्रक्रिया जानने का नागरिक अधिकार|
  • सेवारत अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने कृत्यों के निर्वहन के लिए धारित तथा प्रयोग किए जाने वाले नियम, विनिमय,अनुदेश, निर्देशिका और अभिलेख की जानकारी प्राप्त करने का नागरिक अधिकार

 कानूनी व्यवस्था से व्यथित पक्षकारों के लिए समाधान स्वरुप हमारी सेवा 

हिन्दू विवाह अधिनियम- 1955, हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम- 1956, हिन्दू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम- 1956, हिन्दू संपत्ति व्ययन अधिनियम- 1916, तथा महिलाओं से जुड़े अपराधिक कृत्य एवं अपकृत्यों का विधिमान्य न्यायिक प्रक्रिया की जागरूकता एवं जानकारी l

 

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वन स्टॉप सेंटर : सामान्य जानकारी

सामान्य पूर्व धारणा : हम स्वयं या हमारे आसपास कई ऐसे परिवार है जो किन्ही कारणों से घरेलू विवादों और आपसी सामंजस्य के अभाव में अपनी वैवाहिक जीवन से त्रस्त है. पीड़ित पक्ष के चुप्पी का कारण परिस्थितिजन्य होने के साथ-साथ पुलिस या अन्य संबंधित शिकायतों से उनके सार्वजनिक  जीवन में एकांतता के अभाव की अनायास शंका या अति सामाजिक प्रतिष्ठा से निजी जीवन के रिश्ते में हुई खटास से बदनामी का डर होता है. ऐसे प्रकरण में आरोपी ( प्रत्यर्थी) इस डर का नाजायज फायदा उठाने का प्रयास करता है. उन्हें यह भ्रम होता है कि उनके कृत्यों को उसके आसपास की रहवासी आम जनता हर बार नजरंदाज करते  रहेंगे, ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम एक आम जागरूक नागरिक की भूमिका में समाज को विधि द्वारा स्थापित संस्थानों से परिचय कराना चाहते है जिससे जनमानस को ऐसे संस्थानों का महत्व पता चले. शुरुआत करते है ' वन स्टॉप सेंटर' से...     हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 01 अप्रैल , 2015 से वन स्टॉप सेंटर/ ओएससी/साक्षी केंद्र स्थापित करने की स्कीम क्रियान्वित कर रहा है। स्कीम का उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओ

जिला एवं सत्र न्यायालय बिलासपुर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

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सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 4 यानि लोक प्राधिकारियों की बाध्यताएं

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