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नगरपालिक जल-निकास

 190. जल-निकासों की सफाई - जल निकासों के क्षालन तथा सफाई के आशय के लिए आयुक्त ऐसे जलाशयों, जल-द्वारों, इंजिनों तथा अन्य कार्यों की रचना या स्थापना करा सकेगा, जिन्हें वह समय-समय पर आवश्यक समझे।

191. जल निकासों के डालने के स्थान तथा गंदे पानी का निराकरण - आयुक्त, समस्त या किन्हीं नगरपालिक जल-निकासों का जल किसी भी स्थान में, चाहे ऐसा स्थान निगम की सीमाओं के भीतर हो या बाहर, डलवा सकेगा और गंदे पानी का निराकरण किसी भी स्थान पर, चाहे ऐसा स्थान निगम की सीमाओं के भीतर हो यां बाहर, तथा किसी ऐसी रीति में, जिसे वह उपयुक्त समझे, कर सकेगा :

किन्तु प्रतिबंध यह है कि शासन आयुक्त को, किन्हीं नगरपालिक जल निकासों का जल किसी ऐसे स्थान में डलवाने या किसी गंदे पानी को किसी ऐसे स्थान में या किसी ऐसी रीति में निराकरण करने से निषेधित कर सकेगा, जिसे वह अनुपयुक्त समझे ।

192. गंदे पानी का निराकरण करने के लिए साधनों की व्यवस्था - गंदे पानी को प्राप्त करने, संग्रहीत करने, कृमिशोधित करने, उपयोग में लाने, शुद्ध करने, वितरित करने या अन्य प्रकार से उसका निराकरण करने के आशय के लिए आयुक्त -

(अ) निगम की सीमाओं के भीतर या बाहर किसी कार्य की रचना कर सकेगा;

(आ) किसी भूमि, भवन, इंजिन, सामग्री या यंत्र का निगम की सीमाओं के भीतर या बाहर क्रय कर सकेगा या उन्हें भाड़े पर ले सकेगा; और

(इ) ऐसे काल के लिए, जो तीन वर्ष से अधिक न हो, निगम की सीमाओं के भीतर या बाहर गंदे पानी को निकालने या उसका निराकरण करने के लिए किसी व्यक्ति के साथ व्यवस्था कर सकेगा।

193. जल-निकासों का परिवर्तन तथा उनका बंद किया जाना - आयुक्त, किन्हीं भी नगरपालिक जलनिकासों में वृद्धि कर सकेगा, उनके ऊपर मेहराब बना सकेगा, या उन्हें अन्य प्रकार से सुधार सकेगा और किसी ऐसे जल निकास को समाप्त, बंद या विनष्ट कर सकेगा, जो उसके मत में अनुपयोगी या अनावश्यक हो गया हो :

किन्तु प्रतिबंध यह है कि यदि इस धारा के अधीन किए गए किसी कार्य के कारण कोई भी व्यक्ति किसी जल-निकास के न्याय-संगत उपयोग से वंचित हो गया हो, तो आयुक्त यथासंभव शीघ्र उसके उपयोग के लिए किसी अन्य ऐसे जल-निकास की व्यवस्था करेगा, जो उसी जल-निकास के समान कार्य साधक हो, जो समाप्त, बंद बिनष्ट कर दिया गया हो।

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(2) आयुक्त सूचना-पत्र द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को, जिसने 20 से अधिक मजदूर या श्रमिक सेवानियुक्ति किए हों, ऐसे शौचालयों तथा मूत्रालयों की, जिन्हें वह उचित समझे, व्यवस्था करने और उन्हें भलीभांति बनाए रखने तथा दैनिक रुप से उनकी सफाई करवाने के लिए आदेश दे सकेगा।

(3) आयुक्त, सूचना पत्र द्वारा किसी भी भवन या भूमि के स्वामी या अधिवासी को किसी शौचगृह, शौचालय या मूत्रालय की व्यवस्था करने या उन्हें उन व्यक्तियों की दृष्टि से बचाने के लिए जो वहां से निकले या जो पड़ोस में निवास करते हों, पर्याप्त छत या दीवार या घेरे में बंद करने के लिए या किसी ऐसे शौचगृह, शौचालय या मूत्रालय का कोई द्वार या पिंजर द्वारा या अन्य मार्ग जो किसी सड़क या जल-निकास की ओर खुलता हो, हटाने या परिवर्तित करने के लिए आदेश दे सकेगा।

4) राज्य सरकार, आदेश द्वारा, वह कालावधि नियत कर सकेगी जिसके भीतर किसी निगम की सीमाओं के भीतर विद्यमान सेवा शौचालय के स्थान पर जल-वहित फ्लश या अन्य किसी प्रकार के शौचालय स्थापित किए जायेंगे।

(5) यदि किसी भवन या भूमि का स्वामी या अधिभोगी इस धारा के अधीन सूचना या आदेश की तामील के बावजूद उसमें उल्लिखित कार्य यथास्थिति आदेश में विनिर्दिष्ट कालावधि के असफल रहेगा तो वह जुर्माने से, जो तक का हो सकेगा और उस दशा में जबकि वह जुर्माने का संदाय नहीं करता है, कारावास से, जो भीतर करने में एक हजार रुपए तीन मास तक का हो सकेगा, दण्डित किया जायेगा :

परन्तु, इस धारा के उल्लंघन के संबंध में दण्ड के लिए कार्यवाहियां करने के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना आयुक्त, उक्त कार्य अपने अभिकरण के माध्यम से करवा सकेगा और उसके संबंध में उपगत खर्च यथास्थिति उसके स्वामी या अधिभोगी से उस रीति में वसूल कर सकेगा जो अध्याय 12 में उपबंधित है।]

196. जल-निकासों, शौच गृहों, शौचालयों, मूत्रालयों आदि की मरम्मत तथा उनका बंद किया जाना

 (1) आयुक्त, सूचना पत्र द्वारा किसी भवन या भूमि के स्वामी या अधिवासी की किसी व्यक्तिगत जल निकास, शौचगृह, मूत्रालय, शोषणगर्त, निराकरण कार्य, चहबच्चे या किसी कूड़े या मल के लिये पात्र की मरम्मत करने, उसमें परिवर्तन करने या उन्हें व्यवस्थित रुप में रखने के लिये या किसी व्यक्तिगत जल निकास, शौचगृह, शौचालय, मूत्रालय, शोषणगर्त, निराकरण कार्य, या उसके चहबच्चे को बंद करने या विनष्ट करने के लिए आदेश दे सकेगा या यह निर्देश दे सकेगा कि ऐसे व्यक्तिगत जल निकास का उपयोग ऐसे दिनांक से, जिसे वह इस उपबंध में नियत करे, केवल उद्वेजक पदार्थ तथा गंदे पानी के लिए या केवल वर्षा जल तथा अदूषित भूमिगत जल के लिये ही किया जायेगा और गृहोपान्तों के स्वामी या अधिवासी को, लिखित सूचना-पत्र द्वारा वर्षा जल या अदूषित भूमिगत जल के लिए या उद्वेजक पदार्थ तथा गंदे पानी के लिए पूर्णतः पृथक रुप में व्यक्तिगत जल निकास का निर्माण करने के लिए आदेश दे सकेगा।

(2) कोई भी ऐसा जल-निकास, जो किन्हीं गृहोपान्तों को किसी नगरपालिक जल-निकास याऐसे अन्य स्थान से जोड़े, जो जल निकास के लिए पृथक रखा गया हो, उपधारा (1) के अधीन आयुक्त द्वारा उसके द्वारा किसी ऐसे अन्य जल निकास की व्यवस्था करने के प्रतिबंध पर के अतिरिक्त, जो गृहोपान्तों के जल निकास के लिये तथा उन्हें ऐसे नगरपालिक जल-निकास के लिए तथा उन्हें ऐसे नगरपालिक जल निकास या पूर्वोक्त अन्य स्थान से संयुक्त करने के लिए समान रुप से कारगर हो, बंद, समाप्त या विनष्ट नहीं किया जा सकेगा और किसी ऐसे जल-निकास की रचना, जिसकी आयुक्त द्वारा इस प्रकार व्यवस्था की गई हो, तथा इस धारा के अधीन किये गये किन्हीं भी निर्माण कार्य संबंधी व्ययों का भुगतान नगरपालिक निधि से किया जायेगा।


197. जल-निकासों आदि को नष्ट करने के संबंध में आयुक्त की शक्ति- आयुक्त, किसी भी ऐसे व्यक्ति को, जो उसकी लिखित अनुज्ञा के बिना या उसके निर्देशों या इस अधिनियम के आदेशों या उसके अधीन बनाये गये नियमों या उपविधियों के विपरीत [ किसी नवीन जल निकास, शौचगृह, शौचालय, मूत्रालय, शोषणगर्त ] निराकरण कार्य, चहबच्चे या कूड़े अथवा मल के लिये पात्र की रचना करे, या जो किसी ऐसे पुनर्निर्माण करे या उन्हें खोले, जिनके संबंध में आयुक्त ने गिराने बंद करने या निर्माण न करने की आज्ञा दी हो, उक्त जल निकास, शौचगृह, शौचालय, मूत्रालय, शोषणगर्त, निराकरण कार्य, चहबच्चे या पात्र को विनष्ट करने या उनमें ऐसा परिवर्तन करने के लिए सूचना पत्र द्वारा आदेश दे सकेगा, जैसा कि वह उचित समझे।


198. जल निकासों आदि पर बनाये गये अप्राधिकृत भवन - आयुक्त, किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो, उसकी लिखित अनुज्ञा के बिना, निगम में वेष्टित किसी जल-निकास, जल वाहक नाली, जल प्रवाह पंप, जल-मार्ग या पानी के नल पर किसी भवन का नवीन रुप से निर्माण या पुननिर्माण करे, उसको नष्ट करने या उसके संबंध में अन्य प्रकार से कोई ऐसी कार्यवाही करने के लिये सूचना पत्र द्वारा आदेश दे सकेगा, जिसे आयुक्त उचित समझे।


199. ऐसी शौचालयों आदि का हटाया जाना जो जलप्रदाय के किसी साधन के निकट हों- (1) आयुक्त, सूचना-पत्र द्वारा किसी ऐसे स्वामी या अधिवासी को जिसकी भूमि पर किसी स्त्रोत, कुएं, तड़ाग, जलाशय या अन्य ऐसे साधन से, जिससे जल सार्वजनिक उपयोग के लिए प्राप्त किया जाता हो या किया जा सकता हो, 100 फीट के भीतर कोई जल निकास, शौच गृह, शौचालय,मूत्रालय, शोषणगर्त, निराकरण कार्य, चहबच्चे या कूड़े अथवा मल के लिये अन्य पात्र उस समय विद्यमान हों, ऐसे सूचना पत्र के निर्वाह से एक सप्ताह के भीतर उसको हटाने या बंद करने का आदेश दे सकेगा।

(2) कोई भी जो, आयुक्त की अनुज्ञा के बिना, इस धारा के अधीन सूचना-पत्र जारी करने के पश्चात, एक सप्ताह से अधिक होने वाले काल के लिये किसी स्त्रोत, कुएं, तड़ाग, जलाशय या अन्य ऐसे साधन से, जिससे जल सार्वजनिक उपयोग के लिए प्राप्त किया जाता हो या किया जा सकता हो, 100 फीट के भीतर किसी जल निकास, शौचगृह, शौचालय, मूत्रालय, शोषणगर्त, निराकरण या चहबच्चे कार्य, या कूड़े अथवा मल के लिये अन्य पात्र का निर्माण करेगा या उन्हें रखेगा ऐसे अर्थदंड से, जो [ पांच सौ रुपये तक हो सकता है और सूचना-पत्र दे दिये जाने की दशा में ऐसे अर्थदंड से जो प्रत्येक ऐसे दिन के लिए [ पचास रुपये से अधिक न हो, जबकि उक्त अपराध, हटाये जाने के लिए दिये गये काल के समाप्त होने के पश्चात चालू रहा हो, दंडनीय होगा।

200. गंदे पानी का निकाला जाना - कोई भी, जो आयुक्त की अनुज्ञा के बिना, किसी मोरी, चहबच्चे के मल-मूत्र या सार्वजनिक स्थान पर या किसी सिंचन नहर या जल निकास में, जो इस आशय के लिए पृथक न रखा गया हो, बहवायेगा, निष्कासित करायेगा या रखवायेगा या जानबूझकर या लापरवाहपूर्वक बहने देगा, निकासित करने देगा या रखने देगा, ऐसे अर्थ दंड से दंडित किया जायेगा जो [ अनुसूची-दो के अनुसार होगा] तक हो सकता है।

201. प्राधिकार के बिना जल निकासों का निर्माण या उनमें परिवर्तन करना कोई भी, जो आयुक्त की अनुज्ञा के बिना किसी भी ऐसे जल निकास का निर्माण करेगा या करवायेगा या उसमें परिवर्तन करेगा या करवायेगा, जो निगम में वेष्टित जल-निकासों में से किसी जल-निकास तक जाता हो, ऐसे अर्थदंड से दंडित होगा, जो [ अनुसूची-दो के अनुसार होगा ]।

202. तड़ागों तथा इसी प्रकार से अन्य स्थानों से उत्पन्न होने वाली व्याधा को हटाने संबंध में आदेश देने की शक्ति - आयुक्त किसी, भी भूमि या भवन के स्वामी या अधिवासी को, उसमें स्थित किसी भी ऐसे व्यक्तिगत कुएं, तड़ाग, जलाशय, कुण्ड, गड्ढे या गर्त की जो आयुक्त को पड़ोसियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक या उनके लिए उद्वेजक प्रतीत हो, सफाई करने, मरम्मत करने, ढंकने, भरने या खाली करने के लिए सूचना-पत्र द्वारा आदेश दे सकेगा:

किन्तु प्रतिबंध यह है कि यदि इस धारा के अधीन किसी जल-निकास की व्यवस्था करने के आशय के लिये किसी ऐसी भूमि को प्राप्त करना जो उसी स्वामी की न हो, या किसी भी व्यक्ति को क्षतिपूर्ति का भुगतान करने के लिए सूचना-पत्र द्वारा आदेश दे सकेगा।

203. जल-निकासों के बिना नवीन भवनों का निर्माण न किया जाना - उपान्तों पर किसी भी ऐसे भवन का निर्माण या पुननिर्माण जिसकाकोई भी भाग, किसी नगरपालिक जल निकास से या किसी ऐसे स्थान से, 100 फीट के भीतर हो, जो आयुक्त द्वारा जल-निकास के लिए पृथक रखा गया हो, अथवा इस प्रकार नवनिर्मित या पुननिर्मित भवन में अधिवास तब तक वैध नहीं होगा जब तक कि-

(अ) किसी ऐसे जल निकास का निर्माण न कर दिया गया हो, जो आयुक्त के मत में ऐसे भवन का पूर्णरुपेण जल निकास, उक्त नगरपालिक जल निकास या स्थान तक ले जाने के लिए पर्याप्त हो, और

(आ) ऐसे भवन या उससे संलग्न उपान्तों में ऐसे समस्त उपकरणों तथा फिटिंगों की व्यवस्था तथा स्थापना न कर दी गई हो जो आयुक्त को, उक्त भवन तथा उक्त उपान्तों से जल निकास एकत्रित करने तथा प्राप्त करने तथा वहां दूर बहा ले जाने के, और उक्त भवन और उससे संबद्ध प्रत्येक वस्तु के जल-निकास के पूर्णरुपेण क्षालन के आशय के लिए आवश्यक प्रतीत हो।

204. गन्दे पानी तथा वर्षा-जल के जल-निकासों का पृथक-पृथक होना - जहां कहीं भी इस अधिनियम में यह व्यवस्था की गई हो कि किन्हीं उपान्तों के पूर्णरुपेण जल निकास के लिए उपाय किये जायेंगे या किये जा सकेंगे तो आयुक्त यह आदेश दे सकेगा कि उक्त उपान्तों में एक जल निकास उद्वेजक पदार्थ तथा गंदे पानी के लिए और दूसरा जल निकास वर्षा जल तथा अदूषित पृथक नगरपालिक जल निकास या अन्य ऐसे स्थानों में, जो जल निकास के लिए आयुक्त द्वारा पृथक रखे गये हों, या अन्य उपयुक्त स्थानों में डाला जायेगा।

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