Skip to main content

हेल्थ एडवोकेसी एंड अवेयरनेस

चिकित्सा व्यवसायियों से देश के हर एक नागरिकों को यह जानकारी लेनी चाहिए :- 
 

1.       

क्या आपको नर्सिंग  होम  एक्ट  लागू  होने  की  जानकारी  है ?

हाँ

नहीं

2.       

क्या  आपका  क्लिनिक / अस्पताल जिसमे आप चिकित्सा व्यवसाय कर रहे है, वह नर्सिंग  होम  एक्ट  के  तहत  प्रवाधानुसार विधिवत पंजीकृत  है ?

हाँ

नहीं

3.       

क्या आपको  इस  बात  की  जानकरी  है  कि,  नर्सिंग  होम  एक्ट  के  तहत  प्रवाधानुसार क्लिनिकल स्थापना का विधिवत पंजीयन कराये बिना चिकित्सा व्यवसाय करना वर्तमान  समय में और लागु कानून व्यवस्था में अपराध  है ?

हाँ

नहीं

4.       

क्या आप मरीजों को चिकित्सा परामर्श देने के उपरांत उनके चिकित्सा सारांश एवं प्रिस्क्रिप्शन अभिलेखों को विधिवत पंजीकृत  एवं  संधारित  करते हैं और आप मरीजो को उसकी प्रतिलिपि  प्रदान  करते  है ?

हाँ

नहीं

5.       

क्या  आप  बायो  मेडिकल  वेस्ट को,  जो  की  रोजाना आपके  चिकित्सा  व्यवसाय  से  उत्पन्न  होता  है  उसे  आप २४ घंटो की समय-सीमा के भीतर पर्यावरण नियमों  के  अनुसार, बायो  मेडिकल  वेस्ट को आप विनिष्ट  कराते  है ?

हाँ

नहीं

6.       

क्या आपके पास यह रिकॉर्ड संधारित है, जिससे स्पष्ट हो सके कि आपने  किन -किन  मरीजों  को  किस-किस   अस्पताल व अन्य  चिकित्सा व्यवसायियों  को  रिफर  किया  है ?

हाँ

नहीं

7.       

क्या आपके पास ऐसी पंजी संधारित करने की व्यवस्था है जिससे स्पष्ट हो कि आपके द्वारा रिफर किये गए मरीजो को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने वाले चिकित्सा व्यवसायी कि निगरानी आप विधिवत करते है ?

हाँ

नहीं

8.       

क्या आपके चिकित्सा व्यवसाय प्रतिष्ठान में महिलाओ एवं बच्चो के मौलिक अधिकार को सुरक्षा करने व उनके लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम को सुनिश्चित करने बाबत विधि सम्मत व्यवस्था है ?

हाँ

नहीं

9.       

क्या आपने नर्सिंग होम एक्ट लागू होने के पश्चात् से आज दिनांक तक आपके चिकित्सा व्यवसाय प्रतिष्ठान से सम्बंधित अभिलेख व उन अब्भिलेखो का दस्तावेजीकरण विधिवत संधारित रखा है ?

हाँ

नहीं

10.    

क्या आपने नगर पालिक निगम अधिनियम, नियम व उपविधियो के प्रावधान के अनुसार अपने चिकित्सा प्रतिष्ठान का नगरीय निकाय अर्थात नगर निगम / नगर पंचायत व पंचायत में पंजीयन कराया है और आपके चिकित्सा प्रतिष्ठान से चिकित्सा उपरांत निकलने वाले अपशिष्ठों के निम्मित्तिकरण / विनिष्टीकरण को सुनिश्चित कर लिया है ?

हाँ

नहीं

11.    

क्या आप, स्मार्ट कार्ड एवं अन्य सरकारी योजनाओ व मेडिक्लैम पॉलिसी आदि के तहत पात्र हितग्राहियों का ईलाज करते है और इनके प्राधिकारियों के समक्ष मरीज के ईलाज व परामर्श का शुल्क अभिप्राप्त करने का दावा करते है ?

हाँ

नहीं

12.    

क्या आप प्रधानमंत्री बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री बीमा योजना के तहत पात्र हितग्राहियों का ईलाज करते है और क्या आप स्वयं और आपका क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंटइन पात्र हितग्राहियों के ईलाज करने कि पात्रता रखते है ?

हाँ

नहीं

13.    

आपके द्वारा रिफर किये जाने वाले पैथोलॉजी लैब / अस्पतालों / नर्सिंग होम एवं अन्य संस्थानों की पंजीकृत वैधानिक स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए आपने जो प्रक्रिया अपनायी है ? उससे आप विधि सम्मत घोषित करते है ?

हाँ

नहीं

14.    

आपके द्वारा, मरीजो को जिन दवा कम्पनियों की दवाइयाँ का सेवन करने का परामर्श दिया जाता है, क्या आपने उन दवा कंपनियों की पंजीकृत वैधानिक स्थिति को सुनिश्चित कर लिया है ?

हाँ

नहीं

15.    

आपकी शैक्षणिक अहर्ता क्या है ? जिसका आपके पास विधि सम्मत प्रमाण पत्र होने की आप घोषणा करते है ?

16.    

आप कौन-कौन सी पैथी में / प्राधिकार से / अधिकार से - आपके पास आने वाले मरीजो को चिकित्सा परामर्श देते है ?

17.    

क्या आपको चिकित्सको के साथ होने वाली हिंसा से संरक्षण के लिए बनाये गए / लागु कानून की जानकारी है ?

हाँ

नहीं

18.    

क्या आप दावा करते है की विधिक एवं नैतिक दृष्टिकोण से आपके द्वारा चिकित्सा व्यवसाय करना सही है ?

हाँ

नहीं

19.    

क्या आप दावा करते है कि, आपने चिकित्सा व्यवसाय हेतु लागु सभी अधिनियम, नियम, कानून का पालन किया है ?

हाँ

नहीं

 

Comments

Followers

बासी खबर की ताजगी

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर मुआवजा घोटाले का खुलासा हुआ है। इस घोटाले में राजस्व अधिकारियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से सरकारी खजाने को लगभग ₹43 करोड़ का नुकसान हुआ है।( स्त्रोत :  The Rural Press ) घोटाले का तरीका भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर : अभनपुर तहसील के नायकबांधा, उरला, भेलवाडीह और टोकनी गांवों में भूमि अधिग्रहण के दौरान, अधिकारियों ने खसरा नंबरों में हेरफेर कर एक ही भूमि को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर दिया। इससे 17 असली भू-स्वामियों की भूमि को 97 हिस्सों में बांटकर 80 नए नाम रिकॉर्ड में जोड़ दिए गए ।(स्त्रोत :  हरिभूमि ) मुआवजा राशि में बढ़ोतरी : इस हेरफेर के परिणामस्वरूप, मुआवजा राशि ₹29.5 करोड़ से बढ़कर ₹78 करोड़ हो गई, जिससे ₹43 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान हुआ ।( स्त्रोत :  The Rural Press ) जांच और कार्रवाई शिकायत और जांच : 8 अगस्त 2022 को कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने इस घोटाले की शिकायत की। इसके बाद, रायपुर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए, जिसमें घोटाले की प...

लालफीताशाही बनाम सुशासन

भारत में लालफीताशाही (Red Tapeism) एक ऐसी प्रशासनिक प्रणाली को दर्शाती है जिसमें सरकारी कार्य अत्यधिक नियमों, प्रक्रियाओं और दस्तावेज़ीकरण की वजह से धीमी गति से होते हैं। यह शब्द आमतौर पर नकारात्मक अर्थ में प्रयोग होता है और इसके कारण नागरिकों, उद्यमियों और कभी-कभी स्वयं अधिकारियों को भी भारी परेशानी होती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में हाल में कई राष्ट्रीय एजेंसियां भ्रष्टाचार के प्रकरणों में अन्वेषण कर रही है, तथाकथित प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों पर लगातार हो रही कार्यवाहियां यह दर्शाता है कि प्रशासनिक नक्सलवाद कई दशकों से छत्तीसगढ़ के सम्पदा का दोहन विधिविरुद्ध तरीके से प्रशासनिक अधिकारी कर रहें है. लालफीताशाही के प्रमुख लक्षण: ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रिया की अधिकता: किसी भी कार्य को करने के लिए अनेक स्तरों पर अनुमति लेनी पड़ती है। निर्णय लेने में विलंब: अधिकारी निर्णय लेने से बचते हैं या अत्यधिक दस्तावेज़ मांगते हैं। दस्तावेज़ों की अधिकता: फॉर्म भरने, प्रमाणपत्र देने, अनुमोदन लेने आदि के लिए कई दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। अधिकारियों का असहयोग: कई बार सरकारी कर्मचारी नागरिकों को...

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व

  छत्तीसगढ़ में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के लिए सीएसआर फंडिंग का उद्देश्य निम्नलिखित प्रमुख सामाजिक और विकासात्मक लक्ष्यों की पूर्ति करना है: ✅ 1. सामाजिक विकास और कल्याण: CSR फंडिंग का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर, वंचित और पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण संबंधी पहल की जाती हैं। ✅ 2. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना: सरकारी व ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, स्मार्ट क्लास, छात्रवृत्ति, पुस्तकें और शिक्षण संसाधनों की व्यवस्था की जाती है। ✅ 3. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: CSR फंडिंग से ग्रामीण अस्पतालों का आधुनिकीकरण, मोबाइल हेल्थ क्लिनिक, टीकाकरण अभियान, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सहायता दी जाती है। ✅ 4. आजीविका और कौशल विकास: ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण (Skill Development), स्वयं सहायता समूह (SHGs) के सशक्तिकरण, और रोजगारपरक कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। ✅ 5. पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग...