छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर मुआवजा घोटाले का खुलासा हुआ है। इस घोटाले में राजस्व अधिकारियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से सरकारी खजाने को लगभग ₹43 करोड़ का नुकसान हुआ है।( स्त्रोत : The Rural Press ) घोटाले का तरीका भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर : अभनपुर तहसील के नायकबांधा, उरला, भेलवाडीह और टोकनी गांवों में भूमि अधिग्रहण के दौरान, अधिकारियों ने खसरा नंबरों में हेरफेर कर एक ही भूमि को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर दिया। इससे 17 असली भू-स्वामियों की भूमि को 97 हिस्सों में बांटकर 80 नए नाम रिकॉर्ड में जोड़ दिए गए ।(स्त्रोत : हरिभूमि ) मुआवजा राशि में बढ़ोतरी : इस हेरफेर के परिणामस्वरूप, मुआवजा राशि ₹29.5 करोड़ से बढ़कर ₹78 करोड़ हो गई, जिससे ₹43 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान हुआ ।( स्त्रोत : The Rural Press ) जांच और कार्रवाई शिकायत और जांच : 8 अगस्त 2022 को कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने इस घोटाले की शिकायत की। इसके बाद, रायपुर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए, जिसमें घोटाले की प...
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